१
भूखा आदमी
धर्म स्थानों पर
चुपचाप सुनता है
प्रवचन ..
धर्म –नैतिकता
स्वर्ग -जन्नत की
बड़ी -बड़ी बातें
निकल जाती हैं जो
उसके सिर के ऊपर से
उसकी आँखे टिकी होती हैं
“प्रसाद” की भरी थाली पर .
२
किसी देवस्थल में
देवता के
चरणों को छूकर
अन्न -..धन ..पद
कीर्ति या अपना कोई और
इच्छित माँगकर
जब निकलते हो बाहर
तो एकाएक तुम्हारे
पैरों की अँगुलियों पर
खुरदुरे ..गंदे
नन्हें बच्चे का
कोमल चेहरा
टकराता है
पैसे या रोटी के लिए
फरियाद करते
तो कैसा लगता है तुम्हें ?
३
वे समझा रहे हैं
रोटी के लिए रोना
ओछा काम है
जिन्होंने जाना ही नहीं
भूख किस चिड़िया का नाम है |
No comments:
Post a Comment