Saturday 13 August 2011

बाजार में

बाजार में 
नन्हें पौधे 
अपनी जमीन 
बंधु-बांधवों से अलगाए गए 
उदास पौधे 
खरीदार को आते देख 
पीले पड़ जाते 
छूने पर सिकुड़ जाते 
मोलभाव करने पर 
एक -दूसरे से लिपट जाते 
सुकुमार पौधे 
सिर हिला -हिलाकर कर रहे हैं 
बेचे जाने का विरोध 
निर्बल -निरुपाय पौधे |


2 comments: