जब मैं कहती हूँ
चिड़िया
उसके पास होती है
तीखी चोंच
मजबूत पंजे
डाली को मजबूती से पकड़ना
जानती है वह |
पहचानती है
कहाँ तक है आसमान
उड़ना कहाँ तक है |
समझती है
कहाँ बैठता है बाज
कैसा होता है जाल |
कहते हो तुम
लड़की चिड़िया होती है
पर तीखी चोंच
मजबूत पंजे
जो बन सके हथियार
नहीं पसंद तुम्हें
तुम चाहते हो ऐसी चिड़िया
जो घर की छत को
आसमान समझे
माफ़ करना भाई
मेरी चिड़िया इतनी अच्छी
नहीं हो सकती |
bahut sundar abhivyakti
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