चाहती हूँ
मिल जाए मुझे
एक जादू की छड़ी
छू दूँ जिससे
कचरा बीनते बच्चों को
बदल जाएँ उनके फटे वस्त्र
स्कूल यूनिफार्म में
उनके थैले भर जाएँ
किताबों से
चाहती हूँ
बदल दूँ दहेजखोरों को
जंगली बिलाव
नेताओं को खूँखार भेड़ियों में
और हांक दूँ उन्हें
सुदूर वन में
चाहती हूँ छुड़ाना
कसाईयों के चंगुल से
बच गयी गायों को
पाँप के दीवानों को
ले जाना चाहती हूँ
खेतों की ओर
सिखाना चाहती हूँ
बोआई-कटाई के गीत |
मिल जाए मुझे
एक जादू की छड़ी
छू दूँ जिससे
कचरा बीनते बच्चों को
बदल जाएँ उनके फटे वस्त्र
स्कूल यूनिफार्म में
उनके थैले भर जाएँ
किताबों से
चाहती हूँ
बदल दूँ दहेजखोरों को
जंगली बिलाव
नेताओं को खूँखार भेड़ियों में
और हांक दूँ उन्हें
सुदूर वन में
चाहती हूँ छुड़ाना
कसाईयों के चंगुल से
बच गयी गायों को
पाँप के दीवानों को
ले जाना चाहती हूँ
खेतों की ओर
सिखाना चाहती हूँ
बोआई-कटाई के गीत |
Ranjana ji,
ReplyDeleteBahut prabhavshali kavita...
Poonam
काश ऐसा हो पता ?कही भी कुछ नहीं बदला ........................
ReplyDelete