Friday 27 April 2012


अमलतास 
हरी धोती पर
सोने के पीले गहने पहने
सजीला युवक लग रहा है
मँझोला अमलतास
फब रहे हैं फूलों के साथ
उसके सख्त काले फल भी
खूशबू से सराबोर है अमलतास
बच्चे चढकर उसके कंधों पर
मचा रहे हैं उत्पात
कोई मरोड़ रहा है हाथ
कोई नोंच-बकोट रहा है
फिर भी गुस्से से लाल नहीं है अमलतास
बना हुआ है शुभ,शीतल,मंगलकारी पीला |
देखकर सोने से लदा उसे
ईर्ष्या से लाल हो रहा है
ऊंचा,लंबा गुलमोहर
हालाँकि हरी पोशाकऔर लाल फूलों वाली पगड़ी में
वह भी कम सुंदर नहीं है
हाँ,उसमें विनम्रता की खुशबू नहीं है
वह ताक रहा है अभिमान से आकाश
जबकि अमलतास धरती देखने में ही मगन है |

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