सबके सब छूट गए
अपने-पराए
अकेले क्षत-विक्षत मैं
बचा हूँ
विध्वंश का साक्षी
चारों तरफ बिखरे हैं शव
युद्ध में खेत रहे अपने-परायों के
मंडरा रहे हैं गिद्ध
अट्टहास है भयावह सन्नाटे का
जिऊंगा क्या मैं ही
देखने को सब कुछ ?
बेकार 'पुर्जा'करार दिया गया हूँ
लगी है मेरी पीठ पर पुर्जी
'नाट फिट फार सेल' की
नीलामी के कई समारोहों में
हो आया हूँ
उनकी मशीनों में
'बोनलेस' पुर्जे ही खपते हैं
हड्डियां उनकी अदम्य लालसा की
गति में बाधा बनती है
नई जरूरतों में उन्हें
रिमोट पर काम करने वाले
'बोनलेस' पुतले चाहिए
जो ना करे सवाल
ना दिमाग चलाए
उन्हें बाजार के अनुकूल
वर्तमान चाहिए |
अपने-पराए
अकेले क्षत-विक्षत मैं
बचा हूँ
विध्वंश का साक्षी
चारों तरफ बिखरे हैं शव
युद्ध में खेत रहे अपने-परायों के
मंडरा रहे हैं गिद्ध
अट्टहास है भयावह सन्नाटे का
जिऊंगा क्या मैं ही
देखने को सब कुछ ?
बेकार 'पुर्जा'करार दिया गया हूँ
लगी है मेरी पीठ पर पुर्जी
'नाट फिट फार सेल' की
नीलामी के कई समारोहों में
हो आया हूँ
उनकी मशीनों में
'बोनलेस' पुर्जे ही खपते हैं
हड्डियां उनकी अदम्य लालसा की
गति में बाधा बनती है
नई जरूरतों में उन्हें
रिमोट पर काम करने वाले
'बोनलेस' पुतले चाहिए
जो ना करे सवाल
ना दिमाग चलाए
उन्हें बाजार के अनुकूल
वर्तमान चाहिए |
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