पत्थर नहीं मिला तो लकड़ी
लकड़ी
नहीं तो मिटटी से ही
बना डाली मूर्तियां
मूर्तिकारों ने
चित्रकारों ने
चट्टान दीवार ताड़ पत्र
कपड़ा कागज जब जो मिला
बनाए चित्र
कविता की नदी भी बहती रही
इसी तरह लगातार
सच है सृजन की साधना
नहीं रुकती साधन के अभाव में।
बना डाली मूर्तियां
मूर्तिकारों ने
चित्रकारों ने
चट्टान दीवार ताड़ पत्र
कपड़ा कागज जब जो मिला
बनाए चित्र
कविता की नदी भी बहती रही
इसी तरह लगातार
सच है सृजन की साधना
नहीं रुकती साधन के अभाव में।
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