रिक्तता भरने के लिए
तुमने चुनी स्त्री
और भयभीत हो गए
तुमने बनाये
चिकें..किवाड़ ..परदे
फिर भी तुम्हारा डर नहीं गया
तुमने ईजाद किए
तीज ..व्रत ,पूजा -पाठ
नाना आडम्बर
मगर डर नहीं गया
तुमने तब्दील कर दिया उसे
गूँगी मशीन में
लेकिन संदेह नहीं गया
जब भी देखते हो तुम
खुली खिड़की या झरोखा
लगवा देते हो नई चिकें
नए किवाड़ ..नए पर्दे
ताकि आजादी की हवा में
खुद को पहचान न ले स्त्री |
तुमने चुनी स्त्री
और भयभीत हो गए
तुमने बनाये
चिकें..किवाड़ ..परदे
फिर भी तुम्हारा डर नहीं गया
तुमने ईजाद किए
तीज ..व्रत ,पूजा -पाठ
नाना आडम्बर
मगर डर नहीं गया
तुमने तब्दील कर दिया उसे
गूँगी मशीन में
लेकिन संदेह नहीं गया
जब भी देखते हो तुम
खुली खिड़की या झरोखा
लगवा देते हो नई चिकें
नए किवाड़ ..नए पर्दे
ताकि आजादी की हवा में
खुद को पहचान न ले स्त्री |
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