जब पिता
माँ के माथे पर
सूरज से
जगमगाते थे
कितनी सुंदर
दिखती थी माँ
आज बेटे
ग्रहण की तरह
दीखते हैं
माँ के चन्द्र-मुख पर
अब कहाँ
पहले की तरह
हँसती है माँ |
माँ के माथे पर
सूरज से
जगमगाते थे
कितनी सुंदर
दिखती थी माँ
आज बेटे
ग्रहण की तरह
दीखते हैं
माँ के चन्द्र-मुख पर
अब कहाँ
पहले की तरह
हँसती है माँ |
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeletesahi bat pita ke bina ma ke chehre ka noor hi kho jata hai ....
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