Sunday, 19 May 2013

माँ

जब पिता 
माँ के माथे पर 
सूरज से 
जगमगाते थे 
कितनी सुंदर 
दिखती थी माँ 
आज बेटे
ग्रहण की तरह
दीखते हैं
माँ के चन्द्र-मुख पर
अब कहाँ
पहले की तरह
हँसती  है माँ |

2 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.

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  2. sahi bat pita ke bina ma ke chehre ka noor hi kho jata hai ....

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