अनगिनत बार
तोड़ी गईं जलाई गईं
मेरी टहनियाँ डालियाँ पत्तियाँ
काटा गया तना
जड़ें बची रहीं
धरती की कोख में थीं
नहीं चल सका
उनपर उनका जोर
मौसम बदला है
निकल रही हूँ मैं फिर
हरा -भरा पेड़ बनकर |
तोड़ी गईं जलाई गईं
मेरी टहनियाँ डालियाँ पत्तियाँ
काटा गया तना
जड़ें बची रहीं
धरती की कोख में थीं
नहीं चल सका
उनपर उनका जोर
मौसम बदला है
निकल रही हूँ मैं फिर
हरा -भरा पेड़ बनकर |
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