Wednesday, 12 December 2012

ब्यूटी-पार्लर और मिसेज 'क'

मिसेज '' की बड़ी विदेशी गाड़ी रूकते ही
ब्यूटी-पार्लर की सुस्त रफ्तार में
तेजी आ जाती है
वहाँ काम करने वाली
कमसिन लड़कियों के चेहरों पर
एक अजीब सी हँसी तैर जाती है
इस हँसी में उपहास है तरस है
कि सहानुभूति पता नहीं 
पर वे जुबान से मीठा-मीठा ही बोलती हैं
मिसेज '' का कोई भी नाम हो सकता है
वे एक खास वर्ग से हैं आम तो कतई नहीं
महीने में हजारों रूपए वे युवा दिखने के लिए
खर्च करती हैं
उनकी उम्र पचास के करीब है
वे दिखना पच्चीस की चाहती हैं
वैसे वे अपनी उम्र की आकर्षक महिला हैं
गोरा रंग....भरा बदन ..सेहत की चमक
कम के चक्कर में अजीब लगने लगती हैं
वे भौंहों,माथे,मूंछों की थ्रेडिंग से लगाकर
चेहरे की ब्लिंचिंग,फेशियल सब कराती हैं
बालों की कटिंग,कलरिंग,सेटिंग के बाद
वे दूर से युवती ही नजर आती हैं
पर उनकी दबंग सखी प्रौढ़ता देर तक उन्हें
नहीं छोड़ पाती
नकली यौवन को पीछे धकेल
उनके गले लग जाती है
मिसेज '' इस बात को जानती हैं
मानती नहीं
यौवन का भ्रम उन्हें सुकून देता है
कई-कई घंटे पार्लर की यातना सह कर भी
उनके होंठ मुस्कुराते हैं कि आज तो जरूर डालेंगे
मिस्टर '' उनपर एक नजर
जिसके लिए तरस जाती हैं वे इस उम्र में
वैसे मिस्टर '' भी पचपन के लपेटे में हैं
रंग काला,पेट मुहजोर घोड़े की तरह हमेशा बाहर
कद भी औसत से कम ही
मिसेज '' के आगे कहीं नहीं ठहरते वे आज भी
पर वे मर्द हैं ,उस पर बड़े अफसर
उन्हें आज भी कलियाँ भाती हैं
मिसेज '' उन्हें वह बासी फूल नजर आती हैं
जिनमें ना रूप-रंग बचा है ,ना रस-गंध
मिस्टर '' बड़े फ्रेंक हैं इस बात को मन में नहीं रखते
उनकी आँखें और जुबान करती रहती है इस बात का बखान
और आहत मिसेज '' भागती हैं ब्यूटी पार्लर की ओर
सब कुछ है मिसेज क के पास
गाडी-बंगला ,नौकर-चाकर ,विदेश में बस चुके बच्चे
और अफसर पति ,पर नहीं है अपनी कोई अलग पहचान
वे खुद कुछ नहीं हैं मिस्टर '' की पत्नी के सिवा
कभी वे अपनी कॉलेज की शान थीं
उनका गायन यदि भेंट न चढ़ जाता विवाह की बेदी पर
वह भी कुछ अलग होती 'खास होतीं
फिर इस रंग-रोगन की जरूरत ही कहाँ होती ?
घुटता है मिसेज का मन
पति के ड्राइंगरूम की गूंगी सजावटी गुड़िया वे
आउट-डेट हो गयी हैं पति की नजरों में
पति आउट डोर ही नहीं इन डोर भी
ड्राईंगरुम से लगाकर
अपने बेडरूम तक में
सजाने लगे हैं बोलने वाली
आधुनिक कमसिन बार्बी गुड़ियाएं
वे ना नाराज हो सकती हैं
ना कर सकती हैं विरोध
पति पर नहीं चलता उनका जोर
सारे हथियार आजमा चुकी हैं मिसेज ''
जाएँ भी तो कहाँ इस उम्र में
सुख-सुविधा की आदी देह
मरी हुई आत्मा ने शरण ले ली है
कृत्रिम चमक-दमक से भरी नकली दुनिया में
जहाँ पार्टियां हैं,ड्रग्स है,आभूषणों और मेकअप की चहक है
क्या अब भी कहेंगे आप मिसेज '' का
ब्यूटी-पार्लर में होना गलत हैं |

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