Tuesday, 19 March 2013

बसंत




बौराएँ हैं आम 
लीची भी बौराई
जामुन पर आए फूल 
सेमल की कलियाँ मुस्काईं
नव पल्लवों से सजा नीम 
सरसों पियराई 
पौधों ने धारे नए वस्त्र 
फसलें हरिआईं 
ये कौन आया 
कि चतुर्दिशा मादकता छाई |

1 comment:

  1. कौन हो सकता है सिवा ऋतुराज के...

    अनु

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