Monday 16 February 2015

साम्य


रात भर शिशिर की कैद में गिरफ्त
कांपते-थरथराते काले पड़े पेड़
सूरज की किरणों से नहाकर
यूँ खिलखिलाने लगते हैं
जैसे जीवन में प्रेम के आते ही
हर तरह के लोग गुनगुनाने लगते हैं
रंग हो या ढंग
सूरज और प्रेम
कई मायनों में होते हैं एक
दोनों के होने से जिंदगी होती है आबाद
चले जाने से वीरान


1 comment:

  1. "
    सच ही कहा प्रेम का आगमन, समूचे मन को, अलंकृत कर देता है। "

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