कल का सत्य
सत्य था कल का
आज के चश्में से
वह दिख सकता है
अशिव और असुंदर
आज का सत्य
आने वाले कल के चश्में से
सत्य के सिवा
कुछ और नजर आ सकता है
इसलिए आलोचको
चीजों को
उसी समय में रखकर देखो
क्योंकि हर समय का सत्य
एक सा नहीं रहता |
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